"उम्र ऐ तन्हा गुज़र 'जाने के बाद।
वो लौट के आया '
मेरे जाने के बाद।
"ताउम्र इंतज़ार किया ' मेने उनका
उस मोड़ पर मुझे '
छोड़ जाने के बाद।
‘’बेठे रहें याद कर ' उन किस्सों को
ज़िक्र था जिसमे उनका ' जाने के बाद।
"चला जाता हूँ अक्सर उन गलियों में।
जहाँ आज भी है महक उनकी ' जाने के बाद।
"आओ मिटा दे ' हर अस्क़ाम इस दिल
से।
" रह न जाए कोई '
खलिश मिट जाने के
बाद।
"काश होता इल्म 'उन्हें बिछड़ने का
यूँ रह ना जाता मुझमे ,दूर जाने के बाद।
**********राजेश कुमार ’’आतिश’’**********
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