एक गाँव में एक बहुत खूबसूरत फूल का पेड़ था जो भी
उसे देखता देखता ही रह जाता था उसके फूल की खुशबु इतनी गज़ब की आती थी की उस के फूल
तोड़े बिना कोई रह ही नहीं पाता था, उस फूल के पेड़ को अपनी सुंदरता पर बहुत घमंड था, जब भी कोई पास से निकलता तो ऐसा लगता जैसे
फूल खुद उसे बुला रहे हो और वो इंसान खुदबखुद खिंचा चला जाता था ,और फिर फूलो की खुशबु जी भर के सूंघता और
कुछ फूल तोड़ के अपने रस्ते निकल जाता। लेकिन कोई भी उस फूल के पेड़ की हिफाज़त उसकी
देखरेख नहीं करता था।और पेड़ को जो खुद की सुंदरता पर घमंड था वो तो था ही, इस तरहा काफी समय हो गया। धीरे धीरे पेड़
मुरझाने लगा उस पर फूल भी बहुत कम आने लगे मुरझाने के कारन कुछ टहनियां सड़ने लगी
जिसके कारण अब उस पेड़ में से बास आने लगी वो पेड़ जो कभी अपनी खुशबु बिखेरता था ,अब उसके पास से भी लोग गुज़रना पसंद नहीं
करते थे।
एक दिन एक नौजवान भटकता हुआ उस गाँव में पहुँच
गया कुऐ का पानी पी कर एक जगह बेठ ही था की उसकी नज़र उस पेड़ पर गई , वो उसके पास पहुँचा , और उस पर लगे एक दो फूल को देख कर बोला यह
तो बहुत खूबसूरत है और इनकी खुशबु भी अद्भुत है उस लड़के को पेड़ की भाषा आती थी
उसने उस पेड़ से पूछा तुम्हारी यह हालात कैसे हो गई तुम तो इतना खूबसूरत सुगन्धित फूल देते हो सबको , पेड़ ने बताया सब को मेरे फूल चाहिए लेकिन मेरा ध्यान रखने
वाला कोई नहीं है इसलिए आज मेरी यह हालात हो गई है। लड़के को खेती बाड़ी की जानकारी थी और उस
पेड़ की अद्भुत सुगंध के कारन उसे उससे थोडा लगाव हो गया था। लड़का उसी गावँ में रुक
गया और उस पेड़ की देखभाल करने लगा उसने सबसे पहले उसकी सड़ी गली टहनियाँ काट दी
जिसे काटने से उस पेड़ को कुछ दर्द भी हुआ। लेकिन पेड़ का जीवन बचाने के लिए यह
ज़रूरी था वरना पूरा पेड़ गल जाता ,
फिर अच्छी मिटटी और खाद डाल के उसकी देख भाल करने
लगा।उसने उस पेड़ की जड़ो में कुछ दवाओं का
ऐसा मिश्रण मिलाया जिसके कारन ऊब उसमे कांटे भी उगने लगे ,यह कांटे दिखने में भले ही नुकीले और
खतरनाक लगते थे लेकिन उन के कारण फूलो की रक्षा हो जाती थी इस तरह काफी समय बीत गया वो लड़का उस पेड़ से बहुत प्यार करने लगा
पेड़ भी उसे बहुत प्यार करता था और कभी कभी खुद से कुछ फूल उस लड़के पर गिरा दिया
करता था । और कभी कभी उसकी देखभाल करते समय कांटे उस नोजवान को चुभ जाते थे, लेकिन फिर भी वो उसकी देख भाल करना नहीं
भूलता था ।धीरे धीरे पेड़ अपने पुरे शबाब पर आ गया , पूरी तरह खुशबूदार फूलो से लबालब भरा हुआ जो भी कोई उस पेड़ को देखता उसकी
तारीफ़ किये बिना रह ही नहीं पाता था पर अब कोई भी राह चलता इंसान उसकी खुशबु तो ले
सकता था पर फूल तोड़ने के लिए उसे बहुत सोचना पड़ता था ,
अब पेड़ को अपने पर फिर बहुत घमंड होने लगा पहले
से भी ज़यादा , लेकिन गाँव के कुछ
लोगो को फूल न तोड़ पाने का मलाल रह जाता था ,उन्होंने उस गाँव में एक लड़का रहता था उससे बात
की वो पेड़ की भाषा जनता था ।सबने उससे कहा यार यह पेड़ तो हमे फूल तोड़ने ही नहीं
देता , तुम कुछ करो। उस लड़के
ने उस पेड़ को बरगलाना
शुरू किया ,तुम इतने सुन्दर हो यह तुम्हारी क़ाबलियत
है इस लड़के का इसमें कोई योगदान नहीं है पहले सब तुम्हारी खुशबु लेते थे फूल तोड़ते थे , अब देखो जब से यह लड़का आया है कोई भी
तुम्हारे पास नहीं आता
सब दूर से चले जाते
जाते है ऐसा वेसा जब की
हकीकत यह थी की काटों की वजह से लोग दूर से ही खुशबु लेते हुए निकल जाते थे। इसी
तरह वो रोज़ सुबहा शाम उस पेड़ को बरगलाता रहता और उसकी खूबसूरती में खूब तारीफ गड़ता ,तुम्हारी खूबसूरती सिर्फ तुम्हारे गुणों
के कारन है।
देखो पहले कितने लोग तुमसे प्रेम करते थे तुम्हारी तारीफ़
करते थे दिन भर तुम्हारे आस पास रहते थे।पर देखो आज कोई नहीं है क्या फायदा इतने
खूबसूरत फूल होने का जिसको कोई तोड़ ही न सके। धीरे धीरे पेड़ को उस दूसरे नोजवान की
बाते सही लगने लगी अब कोई भी उस पेड़ के पास से गुज़रता और फूल तोड़ने कि कोशिश करता
तो वो अपने काँटों को झुका देता उनको
ढीला कर देता जिसके कारण हर कोई राह चलता, आराम से फूल तोड़ लेता ,वो पहला नोजवान जिसने अपनी मेहनत से उस
गलते पेड़ को नया जीवन दिया था
वो उसे बहुत समझाता था ऐसा मत करो इससे तुम्हे ही
तकलीफ होगी , आगे जाके ,पर वो पेड़ अपने घमंड़ में उसकी कोई बात
नहीं सुनता था नोजवान ने यह भी कहा कई तुम सबको फूल तोड़ने देना चाहते हो तो ठीक है
पर इनसे कहो कोई एक तुम्हारी ज़िम्मेदारी उठाये और तुम्हारा पूरा ख्याल रखें पर कोई
आगे नहीं आया सबने बाते घुमाते हुए कहा हाँ तो ठीक है हम सब मिल के पानी डाल देंगे,सब ने झूठ मुठ का वादा कर दिया और सबको फूल तोड़ने का हक़ मिल गया ,पेड़ के इस फैसले से उस नोजवान को बहुत
दुःख हुआ लेकिन फिर भी जब कभी नोजवान उसकी जड़ो में खाद जड़ी ब्यूटी का मिश्रण डालने
जाता तो वो पेड़ अपनी टहनियां झुका कर उस नोजवान को कांटे चुभो देता था की तुम्हारा अहसान नहीं चाहिए।
बहुत लोग है मेरा ख़याल रखने वाले , पर उस नोजवान को उस पेड़ से बहुत प्यार था
वो फिर भी रात को चुप चाप जब कोई न देखे उसमे खाद ,जड़ी बूटी का मिश्रण डालने चला जाता था , एक दिन सुबहा वो नोजवान उस पेड़ पर खाद दाल
रहा था ,तभी उससे जलने वाले
कुछ लोगो ने उस दूसरे नोजवान के साथ मिल के पेड़ को भड़काना शुरू कर दिया यह देखो यह
जो खाद और दवाई मिला रहा है।इससे तुम्हारे सारे फूल झड़ जाएंगे।तुम सुख के मुरझा
जाओगे ।
यह तुम्हारी सुंदरता से जलता है तुम्हारी खुशबु
तुम्हारे फूल इसको नहीं मिल रहे है तो यह जल रहा है तुमसे, पेड़ ने अपनी टहनियों के नुकीले कांटो से
उस पर बहुत वार किये, जो कांटे उस नोजवान
ने अपनी दवाई से अपनी मेहनत से पेड़ में उगने की क्षमता पैदा किये थे उसकी रक्षा के
लिए वही पेड़ आज अपने काँटों से उस नोजवान को लहूलुहान कर दिया था उसे बहुत बुरा भला कहा उससे
कहा तुम तो बहार के हो पता नहीं कहाँ से आये हो। यह गाँव वाले मेरे अपने है। उस पेड़ की वो बात उस नोजवान को बहुत बुरी
लगी ,उस नोजवान ने इतनी
मेहनत से बिना किसी स्वार्थ के उस पेड़ को इतना हरा भरा किया था वही आज उसे सबके
सामने बेइज़त कर रहा था।
वो नोजवान लड़का बिना कुछ बोले चुप चाप उस गाँव से
चला गया , और दूर किसी दूसरे
गाँव में जाकर रहने लगा वहां उसने अपना खुद का बाग़ लगाया खूब सुन्दर हरे भरे फलदार
पेड़ , बेहतरीन खुशबु वाले
फूल के पेड़। लोग उसके बाग़ को देखते और उसकी मेहनत की और बाग़ की खूब तारीफ़ करते। एक दिन
किसी काम से उस नौजवान को दूसरे गाँव जान था लेकिन रास्ता उसी गाँव में में से हो कर गुज़रता था जहाँ उसने वो
अद्भुत खुशबु वाले पेड़ की देखभाल की थी। उसने सोचा चलो जाते हुए उस पेड़ को भी
देखता हुआ चलू, कैसा है। उसने देखा जहां वो पेड़ था वहां चारो तरफ
आज भीड़ थी सब हाथ में कुल्हाड़ी लेकर इस पेड़ को काटने के लिए खड़े थे, उसने पास जाके देखा तो पेड़ पूरा मुरझा गया
था एक भी फूल उस पर नहीं लगा था ,सड़ी गली टहनियों की
बदबू आ रही थी ।इससे पहले की लोग उसे काटना शुरू करते ।उस नोजवान ने उस पेड़ से
पूछा तुम्हारी यह हालात कैसे हो गई ।पेड़ बहुत कमज़ोर हो गया था, उसने जैसे ही उस लड़के को देखा उसकी आँखों
से आंसू निकलने लगे ।
बड़ी मुश्किल से उसने उस लड़के से कहा तुम सही थे
तुमने हमेशा मेरा ख्याल रखा ,जब में कमज़ोर हो गया
था तब तुम ही ने मेरी देखभाल कर के मुझे फिर से हरा भरा किया था। और मेरी रक्षा के
लिए मेरी क्षमता को भी बड़ा दिया था मुझमे कांटे उगने लगे थे ,ताकि कोई भी राह चलता मेरे फूल न तोड़ ले
।लेकिन मेने अपने फूलो के घमंड में तुम्हारे साथ बहुत बुरा किया था कांटे तक
चुभाये तुम्हे ,तुम्हारा खून निकाल
दिया ,उसकी सजा तो मुझे
मिलनी ही थी ,मेने इन सबको अपने
फूल तोड़ने दिए ,कभी कभी कोई पानी
डाल देता था मुझमे लेकिन फूल सभी तोड़ते थे धीरे धीरे फूल कम होने लगे कम होने के
कारन किसी को मिल पाता था किसी को नहीं ,इस कारन अब कोई मुझ पर पानी डालने भी नहीं आता था
खाद तो बहुत दूर की बात है। अब मुझमे धीरे धीरे फूल आना पूरी तरह बंद हो गए। सिर्फ
पत्तिया बच्ची थी वो भी धीरे धीरे झड़ने लगी और यही गिर के सड़ने लगी ।
और आज तो तुम देख ही रहे हो में अंदर से भी खोकला
हो चूका हूँ। वो नोजवान कुछ कहता की तभी गाँव वालो ने कुल्हाड़ी चलना शुरू कर दिया
और वो खूबसूरत पेड़ काट के निचे पड़ा
था उसे कई हिस्सों में काटा गया सब अपने हिसाब से से उसकी लकड़ी ले गए और उससे अपने
चूल्हे को जलाने में इस्तेमाल करने लगे वो नोजवान दुखी मन से वहां से चला गया
दूसरे गाँव से काम निपटा के रात को लौटते हुए उसने उस जगह को देखा जहां वो पेड़ खड़ा
रहता था । कुछ पल वहां रुक के
वो लड़का अपने गाँव वापस चला गया ।और अपने बाग़ की
देखभाल करने लगा
पर आज भी उसे उस पेड़ की याद आ ही जाती थी।