''में लफ्जों में नहीं कोई भँवर रखता हूँ ''में लों हूँ रौशनी की नज़र रखता हूँ ''में कारवाँ हूँ मोहब्बत का ''कदमो में सफ़र रखता हूँ
वाह! बहुत खूब भाई.....
धन्यवाद नितिन भाई
वाह! बहुत खूब भाई.....
ReplyDeleteधन्यवाद नितिन भाई
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