तब जाके राजनीती की कोख से भ्रस्टाचार उमड़ता है ,
''जब संसद के सदनों में लोकतंत्र को दफनाया जायेगा |
और संविधान का कफ़न बनाकर उस पर बिछाया जायेगा |
यह देख हर भारत वासी अपने भारतीय होने पर खेद करेगा
क्यों की आने वाला हर नेता ही लोकतंत्र के कफ़न में छेद करेगा |
"जब अपने ही मुल्क में तिरंगे को जलाया जाता है
और मानवाधिकार के नाम पर आतंकियों को दूध पिलाया जाता है |
जब किसी बम कांड में इनका कोई अपना मरेगा
तब जाके शायद कोई नेता इन आतंकियों का विरोध करेगा |
"जब हर व्यक्ति सिर्फ अपने हित का गान करेगा
और अपने निजी स्वार्थो के लिए अपनों से ही लडेगा |
सिर्फ अपने मान का डर ही सबको सतायेगा
और राष्ट्र के स्वाभिमान पर हर कोई पुष्प चढ़ाएगा |
इस कुंठित मानसिकता से ग्रस्त जब हर व्यक्ति होगा
तब तुम्हे भी अपने भारतीय होने पर खेद होगा |
"जब नीतियाँ ही रीतियों को दबाने लगे
और अपने ही अपने घर को जलने लगे |
जब सच बोलने से हर कोई घबराने लगे
और पंछी उड़ने से ही कतराने लगे |
जब इस देश का हर वासी अनदेखी बेड़ियों में कैद होगा '
तब तुम्हे भी अपने भारतीय होने पर खेद होगा |
"जब अपने ही मुल्क में अपने धर्म को पूज ना पाओगे '
अपने देश के कानून से तुम खुद ही जूझ ना पाओगे |
जब "संप्रदायिक हिंसा बिल अधिनियम " के नाम पर तुमको मिटाया जायेगा '
और तुम्हारी ही संम्पति पर कब्ज़ा करके गेरो पर लुटाया जायेगा |
यह देख हर भारतवासी अपने भारतीय होने पर खेद करेगा
क्यों की धर्म निरपेक्ष राष्ट्र का नारा देने वाला ही इंसानों में भेद करेगा |
"जिन सपनो के भारत का निर्माण हमको करना था '
अपने पूर्वजो के पुण्य विचारो से उसको रचना था |
पर अंग्रेजी विचारो का चूना हमने अपनी नीव में लगाया है
और अपनी संस्कृति के प्रकाश का दीपक अपने हाथो से बुझाया है |
जब अखंड भारत निर्माण के संकल्प पर मतभेद होगा
तब तुम्हे भी अपने भारतीय होने पर खेद होगा |
*************राजेश कुमार "आतिश"**************
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