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Sunday, 12 January 2020

''ऐ वतन ऐ वतन हम को तेरी कसम '' तुझे बेच के ही पूरा अब दम लेंगे हम |

''नोचते भी गए ,लुटते भी गए देश के नेता सिर्फ यही जाने ,
 जीना तो उसी का जीना है जो लूटना अपने वतन को जाने "
''ऐ वतन ऐ वतन हम को तेरी कसम  |
 तुझे बेच के ही पूरा अब दम लेंगे हम   |
 मात्रभूमि क्या चीज़ है विदेशियों के कदमो में हम ,
 इस देश के स्वाभिमान को चढ़ा जायेंगे
"ऐ वतन ऐ वतन ........

''कोई अमरीका से ,कोई ऑस्ट्रेलिया से ,कोई चाइना से है कोई है ब्रिटेन से ,
 विदेशी कम्पनियो को फिर से बुला बुला के लाये है हम
"हर इक राष्ट्र से दुनिया के हर इक कोनो से ,
 हर इक राष्ट्र से दुनिया के हर इक कोनो से ........
 पार्टी कोई भी सही पर धर्म (पैसा) एक है |
 घोटालो पे घोटाले करते जायेंगे हम |
"ऐ वतन ऐ वतन ........

''हम रहें न रहें इसका कुछ गम नहीं ,
 इस देश को तो पूरा नोंच खायेंगे हम |
"हमारी पीढियां ऐश से जियेंगी तो क्या
 माँ भारती को पूरा लहू लुहान कर जायेंगे हम |
 माँ भारती को पूरा लहू लुहान कर जायेंगे हम.............
 बेच के विदेशियों के हाथो में इस देश को
 देखना फिर से गुलाम हम बना जायेंगे |
"ऐ वतन ऐ वतन ........

"तेरी जानिब उठी जो सरफरोशी की लहर ,
 उस लहर को मिटाते ही जायेंगे हम
"मेरे विदेशी खातो पे जो रखी तुने कहर की नज़र ,
 उस नज़र को झुका के ही दम लेंगे हम
 उस नज़र को झुका के ही दम लेंगे हम ...........
 जो भी पद आएगा , अब सामने
 उस पद की गरिमा को भी हम मिटा जायेंगे |
"ऐ वतन ऐ वतन ........

"चाहे गालियाँ दो,या मुहं पे थप्पड़ जड़ो ,
 देश को बेचने अब हम चल दिए
 बहुमत दिया था लोगो ने जिस हाथ से ,
 उन्हें विदेशी बेड़ियों में जकड के हम निकल लिए
" तुम न देखोगे कल की बहारे तो क्या 
 अपनी पीढ़ियों के लिए तो हम कमा जायेंगे |

''ऐ वतन ऐ वतन हम को तेरी कसम  |
 तुझे बेच के ही पूरा अब दम लेंगे हम   |

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*************राजेश कुमार "आतिश"**************

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