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Monday, 11 May 2020

मूंछों पर ताव देते चंद्रशेखर आज़ाद जी के फोटो की कहानी कुछ यूँ थीं।



आपने जब भी महान क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद जी का एक फोटो देखा होगा जिसमें मूछों पर ताव दे रहे हैं आजाद के शौर्य और वीरता से लबरेज एकमात्र फोटो की  कहानी बड़ी दिलचस्प है। 

बात उन दिनों की है जब महान क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद जी को अंग्रेज ढूंढ रहे थे। 
और आजाद जी झांसी के चित्रकार ,मूर्तिकार, फोटोग्राफर मास्टर रूद्र नारायण जी के घर भेष बदलकर हरिशंकर नाम से ठहरे हुए थे।  
दरअसल झांसी में क्रांतिकारी गतिविधियों में सक्रीय भूमिका निभाने वाले मास्टर रूद्र नारायण जी के घर पर आज़ाद जी लबे समय तक गुप्तवास के दौरान रहे थे। वे यहां रूद्र नारायण जी के छोटे भाई बनकर रहे थे। रूद्र नारायण जी के पुत्र मुकेश नारायण सक्सेना बताते हैं। की रूद्र नारायण जी फोटोग्राफी के शौक़न थे और उन्होंने घर पर ही एक छोटा सा स्टूडियो भी बना रखा था। आज़ाद जी जब झांसी में गुप्तवास पर थे, उसी समय रूद्र नारायण जी ने उनकी एक फोटो खींचने का अनरोध किया था।
हुआ यूँ की
एक दिन आज़ाद व्ययाम  कर रहे थे तब मास्टर रूद्र नारायण बोलो पंडित जी मैं आपका फोटो ले लूं। आजाद बोले किंतु यह फोटो किसी के हाथ लग गया बड़ी मुश्किल होगी यह फोटो अंग्रेजों की मदद कर सकता है तब मास्टर रूद्र नारायण जी ने कहा मैं फोटो गोपनिय रखूंगा यह फोटो लेना इसलिए जरूरी है कि आजादी के बाद देश जाने तो सही कि जिस क्रांतिकारी को ' पुलिस नदियों जंगलों गुफाओं और कुओं तक में कांटे डालकर ढूंढती रही वह जाबांज़ दिखता कैसा था। 


महान क्रन्तिकारी चन्द्रशेखर आजाद जी का यह वही फोटो हैं  
तब आजाद ने इस तर्क व प्रेम को देखते हुए अनुमति दे दी। रूद्र नारायण जी ने कैमरा निकाला।आज़ाद जी तब कमर तक धोती लपेटे थे और ऊपर बदन खुला था आजाद ने कहा मुझे मूछों पर ताव देने दीजिये तब फोटो लीजिएगा मास्टर रूद्र नारायण जी ने यही किया बाद में आजाद का एक फोटो अपने परिवार के साथ लिया कई दिन बाद जब आजाद जी  झांसी छोड़ कानपुर जाना पड़ा। 

तब उन्होंने अपने साथ क्रांतिकारी विश्वनाथ वैशम्पायन को बताया कि मास्टर रूद्र नारायण ने मेरे दो फोटो ले लिए है वो फोटो अंग्रेजों की मदद कर सकते हैं इसलिए जाओ और उन्हें नष्ट करवा दो विश्वनाथ वैशम्पायन रूद्र नारायण जी के  घर पहुंचे और आजाद का संदेश दिया तब रूद्र नारायण जी ने तर्क दिया कि एक फोटो भी नष्ट कर देंगे तो आने वाली पीढ़ियां आजाद को कैसे पहचानेंगे। 
विश्वनाथ सहमत हुए लेकिन आजाद का आदेश भी था।  टाल नहीं सकते थे दोनों ने तय किया कि फोटो फाड़ देंगे लेकिन नेगेटिव सुरक्षित रखेंगे इससे आजाद का आदेश भी पूरा होगा और बाद में फोटो बनवा लेंगे। 
उन्होंने यही किया क्रांतिकारी मास्टर रूद्र नारायण जी ने आजीवन यह तस्वीर धरोहर कि तरह संभाल कर रखी। आज भी यह तस्वीर इस परिवार के लोग एक अवमरणीय स्मृति के रूप में सहेज कर रखे हुए हैं।
इस तरह देश को महान क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद जी का यह एकमात्र फोटो मिला।
झांसी के चित्रकार,मूर्तिकारफोटोग्राफर क्रांतिकारी मास्टर रूद्र नारायण जी




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