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Friday, 7 August 2020

एक दिन



‘’तुम्हारी ज़िन्दगी से हम चले जायेंगे एक दिन।
दूर तारों में कहीं खो जायेंगे एक दिन।
‘’ढूंढोगे निशाँ तुम हमारे ज़मीं पर
बस याद बन के हम रह जायेंगे एक दिन।

‘’मरने के बाद उन्हें याद आयेंगे एक दिन।
वो मिट्ठी हमारी कब्र से उठायेंगे एक दिन।
‘’पलकों पे सजा के अश्क मेरी मोहब्बत का
मेरी यादों में फिर लौट जायेगें एक दिन।

‘’बन के साज़ तेरी धड़कन में बस जायेंगे एक दिन।
दिल की वादियों में तेरी हम गूंज जायेंगे एक दिन।
‘’संभालो तुम चाहें कितना भी इस दिल को
तेरी सांसों में हम उतर जायेंगे एक दिन।

**********राजेश कुमार ’’आतिश’’**********

2 comments:

  1. वाह वाह वाह शानदार कविता।
    मेरी दिल की गहराइयों तक पहुंच जाओगे एक दिन,
    तब याद करोगे मुझको और पछताओगे एक दिन,
    ढूंढोगे हर जगह ना पा सकोगे मुझको
    दिल पर हाथ रख और महसूस कर मुझको तेरी धड़कन बनकर तुझ में बस जाऊंगा एक दिन।।

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    1. बहुत बहुत शुक्रिया इस खुबसूरत कमेन्ट के लिए नितिन भाई .....

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