‘’इस तंग दिल दुनिया में मुझे छोड़
के गर जाओगे।
याद रखना एक दिन खुद को
भी तनहा पाओगे।
‘’हम तेरे दिए गम की यादों में जी
लेंगे।
और तुम अपनी यादो को
समेटते ही रह जाओगे।
‘’कल किसी मोड़ पे गर तुम हमसे मिल
जाओगे।
याद रखना हमसे तुम नज़रे न
मिला पाओगे।
‘’बीता हुआ ये’ कल फिर लौट क ना आएगा।
और अपने किये हाल पर तुम
खुद ही पछताओगे।
‘’ये बातें मेरी मज़ाक में तुम आज तो
उड़ाओगे।
कल याद कर के तुम रो भी
ना पाओगे।
‘’जो मुस्कुरा के गम का गीत में लिख
रहा हूँ आज।
कल तुम उसे रो कर भी पड़
ना पाओगे।
‘’मेरें जाने के बाद मेरें गीतों को
संजोगे।
ढूंढोगे उनमे अपने निशाँ और खुद को सताओगे।
तेरी याद बन के बोल मेरे गीतों पर सज गये।
पर उन बोलो को तुम कभी
गुनगुना ना पाओगें।
**********राजेश कुमार ’’आतिश’’**********
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