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Thursday, 16 July 2020

ख्हाबों खयालो में तुझको बिठाया हैं।




‘’ख्हाबों खयालो में तुझको बिठाया हैं।
हर घडी हर पल तू नज़र आया हैं।
‘’तुझे चाहने की हंसी भूल की हैं।
ज़िन्दगी का सपना तेरे संग सजाया हैं।

‘’तुझे प्यार करता हूँ कितना ‘बताऊँ क्या
मेरी ज़िन्दगी को अनमोल तूने बनाया हैं।
‘’दरबदर में फिरता रहता था ‘यहाँ
बदल गई ज़िन्दगी में ‘जबसे तू आया हैं।

‘’नज़र बंद कर के भी दिखती हैं। हर जगह
उदासी की नींद से जो तूने जगाया हैं।
‘’काँटों में उलझी हुई थी यह ज़िन्दगी
फूलो की खुशबु से तूने महकाया हैं।

‘’संवर गई हैं। दुनिया मेरी कुछ इस तरहा
नज़र लगने के डर से इसको छुपाया हैं।
‘’बस गया हैं। तेरा प्यार मेरी सांसों में
इस दिल को धडकना तूने सिखाया हैं।

‘’गिर ना जाये तेरी आँखों से आंसू कभी
इस कोशिश में ज़िन्दगी का हर पल लगाया हैं।
‘’खो गया हूँ तेरे आगोश में अब
जिस्म तेरा मुझमे सिमट के जो आया हैं।

‘’मुस्कुराती हैं। सुबहा हर रात जगमगाती हैं।
तारो की झिलमिलाहट में भी चाँद नज़र आया हैं।
‘’रोशन हो गई ज़िन्दगी अब इस तरहा
जबसे चाहत का दिया इस दिल में तुमने जलाया हैं।

‘’हो ना जाना मुझसे दूर कभी
बीन तेरे ज़िन्दगी बस एक काला साया हैं।
‘’मर जाऊँगा में उसी पल ‘अगर
कभी ‘तुझको को जुदा मेने खुद से पाया हैं।

‘’ना कर फ़िक्र इस ज़माने की
हमे तो खुद उस रब ने मिलाया हैं।
‘’क्या सोचती हैं अगले जन्म का
हमने तो हर गुज़रा जन्म साथ बिताया हैं।

**********राजेश कुमार ’’आतिश’’********** 

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