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Friday, 12 June 2020

दिन भी तेरे ,रातें भी तेरी।



''दिन भी तेरे ,रातें भी तेरी।
लौटा दे वो शाम का नजारा हमे।
''छोड़ गया वो मुझे तन्हा अँधेरे में।
 दिखा न फिर कभी उजियारा हमे।

''हुआ वो मुझसे दूर मगर।
''खुद से जुदा कर ना पाया हमे।
''ज़िन्दगी लेगी और कितने इम्तिहान।
 हर सवाल में उसने सिर्फ उलझाया हमे।

''निकल आता में हर मुश्किल से बाहर।
 गर तूने जो होता हाथ थमाया हमें।

**********राजेश कुमार ’’आतिश’’**********


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