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पुरे देश में जमातियों की शर्मसार हरकत को बयान करती देखते देखते गाने पर बनी पेरोडी |
''सोचता हूँ की वो तो ज़माती ही थे। .
कब जिहादी हो गए देखते देखते।
''हम पता पूछते हैं
ज़मातियों का
वो लापता हो गए। देखते देखते
''हर्ष ऐ वहशियत और दिल की जिहादगी।
हम से पूछों जमातियों की दहशतगी।
''हमने बीमार समझ के बचाना चाहा।
वो पत्थर बाज़ हो गए देखते देखते।
''सरकार ने उनसे यह वादा किया।
ये ज़माती नाम लिस्ट से 'हट जाएगा।
''था कोरोना केसों में ' ज़माती नाम जहाँ
वो सिंगल सोर्स ' हो गए देखते देखते
*************राजेश कुमार "आतिश"*************
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