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Friday, 17 April 2020

देखते देखते

पुरे देश में जमातियों की शर्मसार हरकत को बयान करती देखते देखते गाने पर बनी पेरोडी 

''सोचता हूँ की वो तो ज़माती ही थे। . 
कब जिहादी हो गए देखते देखते। 
''हम पता पूछते हैं ज़मातियों का 
वो लापता हो गए। देखते देखते 

''हर्ष ऐ वहशियत और दिल की जिहादगी।
हम से पूछों जमातियों की दहशतगी।
''हमने बीमार समझ के बचाना चाहा।
वो पत्थर बाज़ हो गए देखते देखते। 

''सरकार ने उनसे यह वादा किया। 
ये ज़माती नाम लिस्ट से 'हट जाएगा। 
''था कोरोना केसों में ' ज़माती नाम जहाँ 
वो सिंगल सोर्स ' हो गए देखते देखते 


*************राजेश कुमार "आतिश"*************
 

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