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Monday, 20 April 2020

ऐ ज़िन्दगी मुझे तुझसे प्यार हैं

ज़िन्दगी की हकीकत को बयां करती ''करुणरस'' की कविता 

''ऐ ज़िन्दगी मुझे तुझसे प्यार हैं। 
 ये माना की हूँ परेशान '
 थोडा खुद पे थोड़ा ' लोगो पे हूँ हैरान। 
''घर में बीमार माँ की नम आँखों में दुलार हैं। 
 ऐ ज़िन्दगी 'तू जैसे भी है मुझे तुझसे प्यार हैं। 

''ये माना की राशन की दूकान में लगती कतार हैं। 
 एक नोकरी की लाइन में हज़ार हैं। 
''भले ही चारो तरफ से महंगाई की मार हैं। 
 उलझी हुई सी ज़िन्दगी में हर पल तकरार हैं। 
''फिर भी ऐ ज़िन्दगी मुझे तुझसे प्यार हैं। 

''ये माना की सर पर उमीदों का पहाड़ हैं। 
 हर कदम पर मुश्किलों का झाड हैं। 
''नेता ऐसे जो खाके हमारा ही पैसा लेते नहीं डकार हैं 
 और जो सुनते नहीं हमारी 'उसे कहते सरकार हैं 

''की अब तो सपनो में भी सपने आते उधार हैं। 
 फिर भी हर पल उम्मीद बरकरार हैं। 
''ऐ ज़िन्दगी 'तू जैसे भी है मुझे तुझसे प्यार हैं। 


*************राजेश कुमार "आतिश"**************





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